हिम्मत रखना प्रिए
शब्दों का वो बाण एक दिन ,
तूणीर में ही रह जायेगा ।
तुम हिम्मत रखना प्रिए ,
सब-कुछ ठीक हो जायेगा ।
व्यथित मन को त्वरित जीवन को ,
तब रोक लिया जायेगा ।
जब कस कर गले लगाएंगे तुम्हें ,
अश्रु को सोख लिए जायेगा ।
अँधेरी रात को ढलने दो ,
उजाला मीलों फैल जाएगा ।
तुम हिम्मत रखना प्रिए ,
सब कुछ ठीक हो जायेगा ।
जो मस्तिष्क की तरंगे लगे लहरने ,
वैचारिक मतभेद खुद से हो जाएं ,
तो संयम ही रास्ता है ,सुलझन का ,
उलझने कुछ नहीं पाएगा ।
तुम हिम्मत रखना प्रिए सबकुछ ठीक हो जायेगा।
@सौक्षत्रा
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